
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। नगर की अयोध्या बस्ती क्षेत्र में स्थित शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे की कोशिश को लेकर एक बार फिर भू-माफियाओं और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठने लगे हैं। क्षेत्रीय रहवासियों का आरोप है कि करीब दो हेक्टेयर शासकीय भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा कब्जा जमाने की नीयत से समतलीकरण कर वहां मटेरियल डंप कर दिया गया है। रहवासियों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिकायतों के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे भू-माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। बुधवार को स्थानीय रहवासी नगर परिषद कार्यालय और पटवारी कार्यालय पहुंचे और अतिक्रमण के विरोध में ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उन्होंने संजय धनोतिया और दिलीप माली पर आरोप लगाते हुए कहा कि उक्त लोगों ने शासकीय भूमि पर तारबंदी कर कब्जा कर लिया है, जिससे क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। रहवासियों ने आरोप लगाया कि भू-माफिया लगातार शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे की कोशिश कर रहे हैं और प्रशासन की ढिलाई के कारण उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो यह मामला सामाजिक सौहार्द और शांति व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।
क्या है भूमि का इतिहास?
इस संबंध में कस्बा पटवारी जगदीश कुमावत ने बताया कि अयोध्या बस्ती क्षेत्र की सर्वे क्रमांक 7/2/7 की कुल दो हेक्टेयर शासकीय भूमि में से कुछ हिस्सा वर्ष 2002-2003 में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की रामीबाई और देऊबाई को कृषि उपयोग हेतु आवंटित किया गया था। लेकिन हाल ही में इस भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने की नीयत से समतलीकरण किया गया और फेंसिंग कर दी गई। पटवारी कुमावत ने बताया कि संजय धनोतिया और दिलीप माली द्वारा इस भूमि पर अवैध रूप से निर्माण सामग्री डालने और तारबंदी करने की जानकारी तीन-चार महीने पहले ही वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई थी। जिसके आधार पर तहसील कार्यालय से नोटिस भी जारी किए गए। बावजूद इसके मौके पर अब भी मटेरियल मौजूद है और फेंसिंग भी हटाई नहीं गई है। अब रहवासियों की ताजा शिकायत को पुनः वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों तक भेजा गया है।
पार्षद प्रतिनिधि ने खारिज किए आरोप
वहीं इस मामले में नामित पार्षद प्रतिनिधि संजय धनोतिया ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि हमने शासकीय भूमि के पास स्थित अपनी नौ बीघा निजी जमीन ली है, जिसका सीमांकन चल रहा है। शासकीय भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है। उन्होंने दावा किया कि तहसील से जो नोटिस मिला था, उसका विधिवत जवाब भी दे दिया गया है।
प्रशासन की ओर से जांच और कार्रवाई का आश्वासन
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर तहसीलदार ब्रजेश मालवीय ने कहा कि संजय धनोतिया और दिलीप माली को पूर्व में नोटिस जारी किए गए थे। उनके उत्तर मिल चुके हैं और अब शिकायतकर्ताओं के बयान लिए जा रहे हैं। सभी पक्षों की बात सुनने और दस्तावेजों की जांच के बाद नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल
स्थानीय रहवासियों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन सख्त कदम नहीं उठाता है तो शासकीय भूमि पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे हो सकते हैं। इससे न केवल सरकारी संपत्ति का नुकसान होगा बल्कि सामाजिक अशांति भी उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि अतिक्रमण को तुरंत हटाकर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए।