
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। नगर में वर्षावास 2025 के अंतर्गत चल रहा आध्यात्मिक आत्म साधना महोत्सव श्रद्धा, संयम और तप का अनूठा उदाहरण बन गया है। जैन दिवाकर स्वाध्याय भवन में सौभाग्य कुल दिवाकर प्रवर्तक राज प्रकाश मुनि मसा की सुशिष्या रमणीक कुंवर रंजन आदि ठाणा 4 की निश्रा में यह आयोजन श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर रहा है। चंदनाश्रीजी मसा ने प्रवचन में कहा कि अहिंसा, संयम और तप मानव जीवन की अनमोल पूंजी हैं। इनके बिना जीवन अधूरा है। रमणीककुँवर मसा कहा कि मानव जीवन मिलना दुर्लभ है, इसका उपयोग आत्म कल्याण में होना चाहिए। उन्होंने साधना के शिखर पुरुष मालव केसरी सौभाग्यमल मसा के जीवन से प्रेरक प्रसंग सुनाए। एक घटना का उल्लेख करते हुए बताया कि जब गुरुदेव महाराष्ट्र से इंदौर चातुर्मास हेतु जा रहे थे, तब एक गांव में एक भक्त के घर ठहरे। वहां उन्होंने उस परिवार को “अब सोने के कंडे थेपो” का आशीर्वाद दिया। आज भी वह परिवार समाज सेवा में सक्रिय है और उनकी गुड़ की दुकान श्रद्धा से संचालित हो रही है। यह गुरुवाणी की वचन सिद्धि का उदाहरण है। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, पिपलियामंडी अध्यक्ष अजय कीमती ने बताया कि महोत्सव के अंतर्गत प्रतिदिन सुबह 9 से 10 बजे तक प्रवचन हो रहे हैं। दोपहर 2.30 से 3.30 बजे तक “गुरु सौभाग्य स्मृति जाप” चल रहा है। आज के जाप की प्रभावना संघ की वरिष्ठ सुश्राविका ताराबाई सूरजमल छिंगावत परिवार की ओर से रखी गई। इस संपूर्ण आध्यात्मिक आयोजन का समापन 19 जुलाई, शनिवार को मालव केसरी सौभाग्यम महाराज साहब के 41 वें स्मृति दिवस पर सामयिक और सामूहिक एकासन दिवस के रूप में तप और त्याग के साथ मनाया जाएगा।
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