
उज्जैन। मध्यप्रदेश का उज्जैन शहर बीते दो दिनों से एक सनसनीखेज वारदात की गूंज में डूबा हुआ है। स्टेट बैंक ऑफ इंदौर की महानंदा नगर शाखा से करीब 5 करोड़ की ज्वैलरी और नकदी चोरी होने की घटना ने बैंक ग्राहकों से लेकर आम नागरिकों तक सबको हिला दिया। लेकिन राहत की बात यह रही कि पुलिस ने महज़ 24 घंटे के भीतर इस रहस्य से परदा उठाकर चोरी का पूरा माल बरामद कर लिया। इस चोरी की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है — ताले तोड़े नहीं गए, बल्कि खोले गए। वारदात का मास्टरमाइंड कोई बाहरी शातिर अपराधी नहीं, बल्कि बैंक का ही एक आउटसोर्स कर्मचारी जय भवसार उर्फ जिशान निकला।
आगजनी से जन्मी योजना
16 अगस्त को बैंक में आगजनी की घटना हुई थी। उस दौरान जब बैंक का सामान शिफ्ट किया जा रहा था, तब जय भवसार ने बैंक की कमजोरियों को बारीकी से परखा। उसी समय उसके दिमाग में चोरी का बीज बोया गया। मौके की तलाश करते हुए उसने धीरे-धीरे अपनी योजना तैयार की।
धर्म परिवर्तन और नया नाम
जय भवसार का बैकग्राउंड खंगालने पर एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। जय मूलतः हिंदू था, लेकिन उसने यूट्यूब पर वीडियो देखकर धर्म परिवर्तन कर लिया और अपना नाम जिशान रख लिया। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं किसी संगठित सिंडिकेट का हाथ तो उसके पीछे नहीं था।
फिल्मी अंदाज़ में चोरी
सोमवार देर रात करीब ढाई बजे जय और उसके चार साथी – अब्दुल्ला, साहिल, अरबाज और कोहिनूर – बैंक पहुंचे। जय ने पहले से लॉकर का ताला खुला छोड़ दिया था। इसके बाद सभी आरोपी आसानी से अंदर घुस गए। 35 मिनट के भीतर उन्होंने बैंक से करीब 4.7 किलो सोने के आभूषण और 8 लाख रुपए नकद पार कर लिए। बाहर निकलते ही आरोपी दो मोटरसाइकिलों से ढाबा रोड की ओर निकल पड़े। वहां पहुंचकर चोरी का माल पांच हिस्सों में बांटा गया।
नेपाल भागने की थी प्लानिंग
आरोपियों ने चोरी के बाद नेपाल जाकर सोने का व्यापार करने की योजना बनाई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस गिरोह ने पहले से ही नेपाल में संपर्क साध रखा था। लेकिन इससे पहले कि वे सीमा पार करते, उज्जैन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
सफाई कर्मचारी ने खोला राज
मंगलवार सुबह जब एक सफाई कर्मचारी रोजाना की तरह बैंक पहुंचा, तो उसने लॉकर के ताले खुले देखे। तुरंत प्रबंधन को सूचना दी गई। जांच के दौरान स्पष्ट हो गया कि बैंक से करोड़ों का माल गायब है। यह खबर मिलते ही बैंक ग्राहकों के होश उड़ गए।
पुलिस की तेजी
घटना की गंभीरता को देखते हुए एडीजी उमेश जोगा और एसपी प्रदीप शर्मा खुद मौके पर पहुंचे। चार थानों की पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम गठित की गई। सुरागों की कड़ी जोड़ते हुए पुलिस ने मात्र 24 घंटे में ही आरोपियों को देवास के हाटपिपलिया इलाके से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस, एसपी प्रदीप शर्मा ने देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुलासा किया
यह चोरी बैंक कर्मियों की लापरवाही और अंदरूनी जानकारी के कारण संभव हुई। मास्टरमाइंड जय भवसार उर्फ जिशान था, जिसने पूरे षड्यंत्र की रूपरेखा बनाई। बाकी चार आरोपी उसके साथ जुड़े। पाँचों की गिरफ्तारी हो चुकी है और चोरी का पूरा माल सुरक्षित बरामद कर लिया गया है।”
बैंक ग्राहकों में नाराज़गी
हालांकि पुलिस ने माल बरामद कर राहत दी है, लेकिन इस घटना ने बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्राहक यह सोचकर दहशत में हैं कि जब बैंक के अंदर का कर्मचारी ही गुनाहगार निकल सकता है, तो आम आदमी अपनी मेहनत की पूंजी कहाँ सुरक्षित रखे?
सबसे बड़ी डकेती
यह चोरी उज्जैन की अब तक की सबसे बड़ी बैंक डकैती में से एक मानी जा रही है। पुलिस की तत्परता और तेजी से कार्रवाई ने ग्राहकों को राहत दी है, वरना आरोपी नेपाल भागने में सफल हो जाते तो करोड़ों का सोना वापस पाना नामुमकिन हो जाता।

