
पिपलिया स्टेशन। नारायणगढ़ थाना क्षेत्र के चंद्रपुरा गांव में 17 वर्षीय छात्र दीपक नायक की सांप के काटने से मौत हो गई। दीपक शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नारायणगढ़ में कक्षा 11वीं कला संकाय में अध्ययनरत था। घटना के बाद गांव और विद्यालय में शोक है।
जानकारी के अनुसार दीपक स्कूल से लौटने के बाद भैंस चराने गया था, तभी उसे सांप ने काट लिया। उसने घर आकर परिजनों को इसकी जानकारी दी। परिजन पहले उसे गांव के देवनारायण मंदिर लेकर गए, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर नारायणगढ़ के सरकारी अस्पताल पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। मजबूरी में वे दीपक को मंदसौर जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दीपक के दोस्त शाहिद का कहना है कि अगर नारायणगढ़ अस्पताल में डॉक्टर मौजूद होता, तो समय पर इलाज मिल जाता और दीपक की जान बच सकती थी। इस मामले में जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन बीएल रावत कहना है दीपक की मौत अस्पताल लाने से पहले ही हो चुकी थी। फिलहाल शव का पोस्टमॉर्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है।
विद्यालय में शोकसभा, कार्यक्रम रद्द:-
छात्र के निधन पर 7 अगस्त को विद्यालय में प्रार्थना सभा आयोजित कर दो मिनट का मौन रखा गया और श्रद्धांजलि अर्पित की गई। विद्यालय प्राचार्य केसी डोडिया एवं समस्त स्टाफ ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। घटना को देखते हुए उसी दिन आयोजित होने वाला साइकिल वितरण कार्यक्रम तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया।
ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल:-
इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। नारायणगढ़ जैसा बड़ा कस्बा होने के बावजूद सरकारी अस्पताल में कथित तौर पर डॉक्टर की अनुपस्थिति गंभीर सवाल खड़े करती है। आपातकालीन स्थितियों में समय पर उपचार न मिलना, खासकर सर्पदंश जैसी जानलेवा घटनाओं में, सीधे-सीधे मरीज की जिंदगी और मौत का सवाल बन जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे चिकित्सा सुविधा, पर्याप्त एंटी-स्नेक वेनम और प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है, ताकि भविष्य में किसी परिवार को दीपक जैसी दर्दनाक स्थिति का सामना न करना पड़े।
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