
मंदसौर/नीमच। मध्यप्रदेश में चल रही स्कूल मर्जिंग प्रक्रिया का सबसे ज्यादा असर अब मंदसौर और नीमच जिलों में भी दिखाई देने लगा है। शिक्षा विभाग द्वारा जारी सूची के अनुसार, मंदसौर जिले के 36 और नीमच जिले के 25 शासकीय स्कूलों को बंद कर उन्हें निकटतम सांदीपनि विद्यालयों में मिलाया जा रहा है। इन दोनों जिलों में कुल 61 स्कूलों का मर्जर तय किया गया है, जिससे करीब 6 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं प्रभावित होंगे। शिक्षा विभाग का तर्क है कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अत्यधिक कम है, उन्हें आसपास बने बड़े और सुविधायुक्त सांदीपनि विद्यालयों में मिलाकर संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाएगा। मंदसौर जिले के जिन स्कूलों का मर्जर किया गया है, उनमें कुछ ऐसे विद्यालय भी हैं जहां केवल 15-20 छात्र ही पंजीकृत थे। वहीं, नीमच जिले में भी कई ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल शामिल हैं, जिन्हें अब मुख्यालयों के नजदीक बनाए गए स्कूलों में शिफ्ट किया जा रहा है। शिक्षकों और अभिभावकों में इस फैसले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोगों का मानना है कि इससे छात्रों को बेहतर संसाधन और गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी, वहीं कई अभिभावक चिंतित हैं कि गांव से दूर स्कूल जाने में बच्चों को परेशानी होगी। फिलहाल जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मर्ज होने वाले स्कूलों के छात्रों का नामांकन शीघ्र नए स्कूलों में सुनिश्चित किया जाए और छात्र परिवहन व्यवस्था भी सुलभ हो। विभाग की ओर से दावा किया गया है कि किसी भी छात्र की पढ़ाई प्रभावित नहीं होने दी जाएगी। हालांकि, कई स्थानों पर अब भी स्पष्ट निर्देशों की प्रतीक्षा है, खासतौर पर उन स्कूलों को लेकर जहां कन्या विद्यालयों में लड़कों को भी स्थानांतरित किया जाना है। इस पूरी प्रक्रिया पर जिले के शिक्षकों और छात्रों की नजरें टिकी हुई हैं। विभागीय अमले की जिम्मेदारी अब यह सुनिश्चित करने की है कि मर्जर के बाद बच्चों की पढ़ाई में किसी तरह की रुकावट न आए।