
सांवलियाजी । श्रद्धा, भक्ति और दान की त्रिवेणी पर आधारित राजस्थान का सुप्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलियाजी मंदिर एक बार फिर भक्ति और उदारता की मिसाल बना है। गत चतुर्दशी के दिन खोले गए भगवान श्री सांवलियाजी के भंडार से इस माह कुल ₹28 करोड़ 32 लाख 45 हजार 555 की दानराशि प्राप्त हुई है, जो अब तक की एक उल्लेखनीय और ऐतिहासिक प्राप्तियों में से एक है। यह दानराशि छह चरणों में की गई गणना के बाद सामने आई, जिसमें मंदिर मंडल के अध्यक्ष हजारीदास वैष्णव, मंदिर के सीईओ एवं एडीएम प्रशासन प्रभा गौतम, तथा अन्य प्रशासनिक एवं मंदिर मंडल सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
छह चरणों में सम्पन्न हुई गणना, भंडार से 22.22 करोड़, भेंटकक्ष से 6.09 करोड़ की राशि प्राप्त
श्री सांवलियाजी मंदिर में भंडार खोले जाने के साथ ही गणना कार्य का श्रीगणेश किया गया। पहले चार चरणों में कुल ₹21 करोड़ 13 लाख 25 हजार की राशि गिनी गई। इसके पश्चात पाँचवें और छठे चरण की गणना में ₹1 करोड़ 9 लाख 51 हजार 077 की राशि और जुड़ गई। इस प्रकार भंडार से कुल ₹22 करोड़ 22 लाख 76 हजार 077 की नगद प्राप्ति हुई। इसके अतिरिक्त, भंडार से 410 ग्राम सोना एवं 80 किलो 500 ग्राम चांदी भी निकली, जो दान स्वरूप समर्पित की गई थी। इसी तरह, मंदिर के भेंटकक्ष एवं कार्यालय, जहां श्रद्धालु व्यक्तिगत रूप से या ऑनलाइन माध्यमों से दान करते हैं, वहाँ से ₹6 करोड़ 9 लाख 69 हजार 478 की राशि प्राप्त हुई। भेंटकक्ष में 1033 ग्राम सोना और 124 किलो 400 ग्राम चांदी की भेंट भी चढ़ाई गई, जो मंदिर की संपदा और श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है।
विदेशी मुद्रा, चेक और आभूषणों की भी बड़ी मात्रा में प्राप्ति
इस बार की विशेषताओं में एक यह भी रही कि देश के साथ-साथ विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान सांवलियाजी को दान अर्पित किया। भंडार और भेंटकक्ष में विदेशी मुद्रा, चेक, और कीमती आभूषण भी बड़ी संख्या में प्राप्त हुए हैं, जिनकी छंटाई और मूल्यांकन का कार्य प्रचलित प्रक्रिया के अनुसार किया जा रहा है।
गणना में रहा उच्चस्तरीय प्रबंधन और सुरक्षा इंतजाम
भंडार गणना कार्य को पूर्ण पारदर्शिता एवं सुरक्षा के बीच सम्पन्न कराया गया। इस दौरान संस्थापन प्रभारी लहरीलाल धनगर, सुरक्षा प्रभारी गुलाब सिंह, वरिष्ठ निरीक्षक कालूलाल तेली, संपदा प्रभारी भेरूगिरी गोस्वामी, सहायक सुरक्षा प्रभारी सुरेश चंद्र नगारची, संपदा सहायक श्रवण शर्मा, राधेश्याम अहीर, जितेंद्र त्रिपाठी, और सुरक्षा सहायक बिहारीलाल गुर्जर सहित बड़ी टीम तैनात रही। गणना कार्य मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था, प्रशासनिक निगरानी और डिजिटल रिकॉर्डिंग के साथ सम्पन्न हुआ।
गत वर्षों की तुलना में रिकॉर्ड तोड़ दान
यदि पिछले वर्षों की तुलना करें, तो यह दानराशि असाधारण रूप से अधिक है। पिछले वर्ष इसी अवसर पर खोले गए भंडार से ₹14 करोड़ 21 लाख तथा भेंटकक्ष से लगभग ₹4 करोड़ की प्राप्ति हुई थी। वहीं, इससे पूर्व अमावस्या पर खोले गए भंडार से ₹23 करोड़, तथा भेंटकक्ष एवं ऑनलाइन दान से ₹6 करोड़ की प्राप्ति दर्ज की गई थी। इस बार की गणना में कुल दानराशि 28 करोड़ से अधिक पहुंचकर एक नया रिकॉर्ड बना चुकी है।
भगवान का आकर्षक श्रृंगार, उमड़े श्रद्धालु
गणना के साथ-साथ मंदिर में भक्ति और भव्यता का वातावरण बना रहा। ओसरा पुजारी कमलेश एवं गोविंद वैष्णव द्वारा भगवान श्री सांवलियाजी का अत्यंत मनोहारी श्रृंगार किया गया, जिसमें भगवान को नवीन वस्त्र, आभूषण और फूलों से सजाया गया। श्रृंगार दर्शन के लिए देशभर से आए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
श्रद्धालु बोले – चमत्कारी है सांवलियाजी, हर मन्नत करते हैं पूरी
मंदिर परिसर में मौजूद कई श्रद्धालुओं ने भावुक होकर बताया कि सांवलियाजी की कृपा से असंभव भी संभव हो जाता है। व्यापार, नौकरी, स्वास्थ्य, परीक्षा या विवाह – हर क्षेत्र में लोगों की मनोकामनाएं पूरी हुई हैं, यही कारण है कि श्रद्धालु न केवल भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं, बल्कि अपनी मेहनत की कमाई भी खुले मन से अर्पित करते हैं।
भविष्य की योजनाएं भी जोरों पर
मंदिर मंडल द्वारा बताया गया कि दानराशि का उपयोग मंदिर के विकास, धर्मशालाओं, प्रसाद वितरण, चिकित्सा सेवा, धार्मिक आयोजन और अन्य जनकल्याणकारी कार्यों में किया जाएगा। मंदिर को और अधिक व्यवस्थित, तकनीकी रूप से उन्नत और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं।
