
खाचरौद (उज्जैन)। खाचरौद उप जेल में तैनात सहायक जेल अधीक्षक सुरेंद्र सिंह राणावत को उज्जैन लोकायुक्त टीम ने शुक्रवार को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी अधिकारी ने जेल में बंद एक बंदी को शारीरिक प्रताड़ना से बचाने के एवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। पहली किश्त के रूप में 15 हजार रुपए लेते ही लोकायुक्त की टीम ने मौके पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार, उज्जैन निवासी जितेंद्र गोमे ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार यादव को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका साला कनवर सिसोदिया खाचरौद उप जेल में बंद है और सहायक जेल अधीक्षक सुरेंद्र सिंह राणावत द्वारा उसे पीटने-प्रताड़ित करने की धमकी दी जा रही है। इस मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से बचाने के लिए अधिकारी ने 30 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत की सत्यता की पुष्टि के बाद उज्जैन लोकायुक्त टीम ने ट्रैप की योजना बनाई। शुक्रवार दोपहर शिकायतकर्ता जितेंद्र गोमे को तयशुदा योजना के तहत उप जेल के कार्यालय में भेजा गया, जहां आरोपी अधीक्षक राणावत ने रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 15 हजार रुपए लेते ही लोकायुक्त टीम के हत्थे चढ़ गया। गिरफ्तारी के समय आरोपी जेल अधीक्षक अपने ही कार्यालय में था, जहां लोकायुक्त की टीम ने दबिश दी और उसे रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ लिया। रिश्वत की राशि मौके से बरामद कर ली गई है और आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर कानूनी कार्यवाही प्रारंभ की गई है। लोकायुक्त डीएसपी दिनेशचंद्र पटेल के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। टीम में निरीक्षक हिना डावर, प्रधान आरक्षक हितेश ललावत, आरक्षक श्याम शर्मा, रमेश डावर, उमेश जाटव, नीरज कुमार और अंजलि पुरानिया शामिल रहे। इस कार्रवाई से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। एक ओर जहां इस घटना ने जेल में कैदियों के साथ हो रहे व्यवहार पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं दूसरी ओर लोकायुक्त की तत्परता ने आमजन में यह भरोसा फिर से मजबूत किया है कि भ्रष्टाचार चाहे किसी भी स्तर पर हो, बख्शा नहीं जाएगा। लोकायुक्त की टीम अब इस मामले में आगे की जांच में जुटी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस प्रकार की अन्य घटनाओं में और कौन-कौन लोग संलिप्त हो सकते हैं। आरोपी अधिकारी को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लेने की कार्रवाई की जा सकती है।