
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के छात्रों के भविष्य को संवारने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब राज्य में पहली बार विद्यार्थियों को कक्षा 9वीं से ही आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) की पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा। यह योजना इसी शैक्षणिक सत्र से लागू कर दी गई है। इस अभिनव पहल का उद्देश्य है कि विद्यार्थी अपनी स्कूली शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी प्रशिक्षण भी प्राप्त करें, जिससे वे 10वीं कक्षा पूर्ण करते ही किसी न किसी हुनर में दक्ष होकर रोजगार के लिए तैयार हो जाएं। नई व्यवस्था के तहत छात्रों को दोहरी शिक्षा मिलेगी – एक ओर उन्हें परंपरागत अकादमिक विषयों का अध्ययन कराया जाएगा, तो दूसरी ओर वे तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इस योजना से उन विद्यार्थियों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा, जो प्रारंभिक अवस्था से ही किसी व्यावसायिक क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं या आर्थिक कारणों से जल्दी आत्मनिर्भर होना चाहते हैं। सरकार द्वारा प्रस्तावित इस योजना में आठ प्रमुख ट्रेडों में आईटीआई प्रशिक्षण की सुविधा दी जा रही है। इनमें ईवी मैकेनिक (इलेक्ट्रिक व्हीकल तकनीक), प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मेसन, ड्रेस डिजाइनिंग, सिलाई तकनीक (स्विंग टेक्नोलॉजी), वायरमैन और रेफ्रिजरेशन एवं एयर कंडीशनिंग (एसी) तकनीक शामिल हैं। इन सभी क्षेत्रों में वर्तमान में देश और विदेश दोनों में भारी मांग है, और प्रशिक्षित युवाओं को अच्छा वेतन एवं करियर ग्रोथ मिलती है। राज्य सरकार का मानना है कि आईटीआई का यह नया प्रारूप छात्रों को केवल एक पाठ्यक्रम नहीं, बल्कि उनके जीवन को दिशा देने वाला अवसर प्रदान करेगा। अब छात्र 10वीं कक्षा पास करते ही चाहें तो रोजगार में प्रवेश कर सकते हैं या यदि वे आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो 12वीं तक डिप्लोमा जारी रख सकते हैं। इतना ही नहीं, इस योजना में प्रशिक्षित छात्रों को तकनीकी योग्यता के आधार पर इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीधे द्वितीय वर्ष में प्रवेश भी दिया जाएगा, जिससे उनकी पढ़ाई का समय और खर्च दोनों बचेगा। इस योजना को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। हाल ही में रूस सरकार और वहां की औद्योगिक कंपनियों द्वारा मध्यप्रदेश के आईटीआई प्रशिक्षित युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार देने की पेशकश की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रूस में 1.5 लाख से अधिक नौकरियों की संभावनाएं उपलब्ध हैं, जिनमें युवाओं को एक से डेढ़ लाख रुपये प्रति माह तक का वेतन मिल सकता है। इससे यह स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा की गई यह पहल राज्य के युवाओं को न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी सुनहरे अवसर प्रदान करेगी। तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग द्वारा इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रशिक्षक, पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रणाली को तैयार किया जा रहा है। स्कूलों में आईटीआई कक्षाएं शुरू करने के लिए चयनित शिक्षण संस्थानों को विशेष रूप से चिन्हित किया गया है और उन्हें तकनीकी सहयोग भी प्रदान किया जा रहा है।प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस योजना से न केवल रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी, बल्कि ड्रॉपआउट दर में भी कमी आएगी। साथ ही यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्किल इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की भावना को भी मजबूती देगी। कुल मिलाकर, यह योजना प्रदेश के युवाओं के लिए एक नई उम्मीद, नया रास्ता और नया भविष्य लेकर आई है। अब छात्र शिक्षा के दौरान ही किसी न किसी हुनर में पारंगत होकर खुद को आत्मनिर्भर बना सकेंगे और देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे। यह कदम न केवल शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाएगा, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था को भी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाएगा।