
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। मध्यप्रदेश असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रणजीतसिंह शक्तावत एक बड़े विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं। जिले में शराब ठेके पर कार्यरत रहे 26 मजदूरों ने शक्तावत व उनके पुत्र भारतसिंह (काना) पर वेतन नहीं देने, धमकाने और ठगी के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ितों ने थाना, चौकी स्तर से लेकर पुलिस अधीक्षक मंदसौर, जिला आबकारी अधिकारी, एसडीओपी मल्हारगढ़, और थाना प्रभारी व चौकी प्रभारी पिपलियामंडी व नारायणगढ़ तक को लिखित आवेदन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है।
*दो माह काम कराया, फिर अचानक हटा दिया गया*
प्राप्त जानकारी के अनुसार फरियादी अजयसिंह पिता विरसिंह कुशवाह और संजयसिंह पिता मनोहरसिंह सहित कुल 26 मजदूरों ने बताया कि उन्हें मार्च से मई 2025 के बीच मंदसौर जिले में संचालित शराब ठेकों पर वाहन चालकों और मजदूरों के रूप में लगाया गया था। ठेके के संचालन से जुड़े रणजीतसिंह शक्तावत, उनके पुत्र भारतसिंह और ठेकेदार महिपालसिंह ने काम पर रखा था। दिनांक 30 मार्च 2025 से 17 मई 2025 तक मजदूरों ने लगातार सेवा दी। समझौते के अनुसार प्रत्येक मजदूर को ₹15,000 मासिक वेतन, नाश्ता, चाय, भोजन,
रविवार को नॉनवेज व एक शराब की बोतल और एक वाहन महिन्द्रा थार (MP14PA4172) ₹18,000 मासिक किराए पर दी गई थी। यह समझौता दोनों पक्षों की हस्ताक्षरित लिखित सहमति के आधार पर किया गया था।
*बकाया राशि लाखों में, मकान और भोजन खर्च भी शामिल*
पीड़ितों के अनुसार दो महीने तक काम कराने के बाद बिना कोई सूचना दिए सभी मजदूरों को काम से हटा दिया गया। साथ ही मजदूरी, वाहन किराया, खाना-पीना, मकान किराया, पानी बिल आदि की कुल राशि लाखों में बकाया रह गई। शिकायत के अनुसार प्रत्येक मजदूर को ₹30,000 का वेतन बकाया है। अजयसिंह को ₹35,000 और संजयसिंह को ₹50,000 अलग से देने हैं। कुल 28 व्यक्तियों का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है।
*सनी चौहान का नाम भी आया सामने*
मजदूरों ने बताया कि जब उन्होंने भुगतान के लिए संपर्क किया तो रणजीतसिंह व उनके पुत्र भारतसिंह ने सनी चौहान (विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी) के पास भेज दिया। सनी चौहान ने उन्हें यह कहकर भगा दिया कि “अब यहां तुम्हारा काम नहीं है।
*जान से मारने और गोली मारने की धमकियों का आरोप*
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि जब वे बार-बार अपना पैसा मांगने जाते हैं तो रणजीतसिंह और उनका पुत्र उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देते हैं। “गोली मार देंगे” जैसी बातें कही जाती हैं। उनके घर पर गनमेन मौजूद रहता है जो सभी मजदूरों को डरा-धमका कर भगा देता है।
*पीड़ितों ने कहा: हम गरीब हैं, लड़ने की ताकत नहीं*
अपने आवेदन में मजदूरों ने स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि “हम 28 मजदूर लड़ने में सक्षम नहीं हैं। हम प्रशासन की दया पर निर्भर हैं। हमें न्याय दिलाया जाए।
*कांग्रेस की साख हो रही प्रभावित*
यह मामला केवल मजदूरी विवाद का नहीं, बल्कि संगठन के एक बड़े पदाधिकारी के खिलाफ श्रमिक शोषण, धमकाने, और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोपों से जुड़ा है। यदि जांच में आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह कांग्रेस के श्रमिक संगठन की साख को भी प्रभावित कर सकता है। फिलहाल पीड़ित न्याय की राह देख रहे हैं और प्रशासन की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
*रणजीतसिंह शक्तावत का कहना, आरोप राजनीतिक साजिश का हिस्सा*
इस पूरे मामले में जब रणजीतसिंह शक्तावत से संपर्क किया गया तो उन्होंने सभी आरोपों को झूठा, मनगढ़ंत और राजनीतिक द्वेष से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा “मेरे या मेरे पुत्र के नाम पर कभी भी कोई शराब ठेका नहीं रहा और न रहेगा। जिन लोगों ने मेरे ऊपर आरोप लगाए हैं, वे पहले भी अफीम लाइसेंस दिलाने के नाम पर गरीब किसानों को ठग चुके हैं और उनके खिलाफ मामले दर्ज हैं। अगर उनके पास ऐसा कोई दस्तावेज है, जिस पर मेरे या मेरे पुत्र के हस्ताक्षर हों तो वे उसे प्रस्तुत करें। यह साजिश है। खुद रिपोर्ट में लिखा है कि सनी सिंह ने उन्हें हटाया, जिससे साफ है कि इसमें हमारा कोई संबंध नहीं है।
*पुलिस जांच में जुटी*
पिपलियामंडी चौकी प्रभारी धर्मेश यादव ने पुष्टि की है कि आवेदन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा मामला जांच में लिया गया है। दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। साक्ष्यों के आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।