
जावद (नीमच)। जिले की सरवानिया महाराज तहसील के बांगरेड़ गांव में शुक्रवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब दो मगरमच्छ रिहायशी इलाक़े में घुस आए। पहला मगरमच्छ गुरुवार रात को देखा गया, जिसे वन विभाग की टीम के देर से पहुंचने के कारण ग्रामीणों ने खुद ही पकड़कर बांध दिया। इसके बाद शुक्रवार को एक दूसरा मगरमच्छ, जो करीब 8 फीट लंबा था, गांव में नजर आया जिसे इस बार वन विभाग और ग्रामीणों की मदद से मिलकर पकड़ा गया। गुरुवार रात जैसे ही मगरमच्छ गांव में घुसा, ग्रामीणों ने तत्काल जावद वन विभाग को सूचना दी, लेकिन रात भर इंतजार के बाद भी कोई टीम मौके पर नहीं पहुंची। अंततः लालाराम खाती, राहुल धनगर, नागेश धनगर, अर्जुन धनगर सहित अन्य ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए मगरमच्छ को रस्सियों से बांधकर सुरक्षित किया। शुक्रवार सुबह जब वन विभाग की टीम पहुंची, तब ग्रामीणों ने मगरमच्छ को सौंपा। इसके कुछ ही घंटों बाद एक और मगरमच्छ गांव के एक अन्य हिस्से में दिखाई दिया, जिसे वन विभाग की टीम ने इस बार सतर्कता बरतते हुए ग्रामीणों की सहायता से पकड़ लिया। दोनों मगरमच्छों को गांधी सागर बांध में सुरक्षित छोड़ा गया है। ग्रामीणों ने वन विभाग की प्रारंभिक लापरवाही पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि यदि वे खुद समय पर कार्रवाई नहीं करते तो गांव में बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं, गांव के आसपास लगातार जंगली जानवरों की बढ़ती आवाजाही को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में वन विभाग की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई की ज़रूरत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामवासियों की मांग है कि भविष्य में ऐसी स्थिति में त्वरित रेस्क्यू टीम तैनात की जाए ताकि किसी जान-माल की हानि से बचा जा सके।