
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। तहसील न्यायालय नारायणगढ में इस वर्ष की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत सम्पन्न हुई। न्यायाधीश वरिष्ठ खंड श्रीमती प्रतिभा सोलंकी के न्यायालय में वर्षों से अलग रहे दम्पत्ति एक साथ रहने पर सहमत हुए। न्यायाधीश प्रतिभा सोलकी ने कहा इस नेशनल लोक अदालत की उपयोगिता तभी सार्थक है, जब इसमें अधिकाधिक राजीनामे हो, इससे पक्षकारों का समय और धन दोनों बचेगे। साथ ही न्यायालय पर प्रकरणों का भार कम होगा। इसके लिये 02 खंडपीठो का गठन किया है। जिसमें प्रीलिटिगशन के न्यायालय में लंबित आपराधिक, परकाम्य लिखित अधिनियम की धारा 138 के चक बाउंस संबधी, धन वसूली संबधी, भरण पोषण प्रकरणों का निराकरण के लिये रखा गया। जिसकी सुनवाई के बाद खंडपीठ के पीठासीन अधिकारियों द्वारा निराकरण कर पक्षकारों को लाभांवित किया गया। लोक अदालत में श्रीमती प्रतिभा सोलंकी के न्यायालय में कुल 13, न्यायाधीश एकाग्र चतुर्वेदी के न्यायालय में 12 प्रकरणों में राजीनामा हुआ है। नीलम का पति राहुल से कई वर्षों से मन मुटाव होने से दोनों पृथक-पृथक निवास करने लगे थे, न्यायाधीश श्रीमती सोलंकी, अभिभाषक, सामाजिक कार्यकर्ता के प्रयासों से दोनांे के मध्य चल रहा विवाद आपसी समझौता कर समाप्त कराया, दोनों ने एक दूसरे को माला पहनाई। इस अवसर पर अभिभाषक संघ कार्यवाहक अध्यक्ष प्रवीण कुमार चौधरी, सचिव विनोद गुर्जर, अधिकवक्तागण, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अनिता सौरभ कोठारी, भारतीय स्टेट बैंक, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक, बीएसएनएल के प्रतिनिधि व न्यायिक कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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