
पिपलिया स्टेशन (जेपी तेलकार)।
जम्मू-कश्मीर के कटरा मार्ग पर 26 अगस्त को हुए भीषण भूस्खलन हादसे का दर्द अभी भी भीलखेड़ी गांव को झकझोर रहा है। हादसे में जान गंवाने वाले गांव के श्रद्धालु फकीरचंद (50) पिता गौतम गुर्जर और रतनबाई (65) पति भगतराम गुर्जर (65) के शव प्रशासनिक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शुक्रवार शाम पौने छह बजे एम्बुलेंस से गांव पहुंचे। शवों के पहुंचते ही पूरे गांव में मातम छा गया, हर कोई गमगीन हो गया। शवों के पहुंचने से पहले नायब तहसीलदार सुनील अग्रवाल और नारायणगढ़ पुलिस बल गांव पहुंचा। जैसे ही एम्बुलेंस गांव में दाखिल हुई, ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिजनों की चीख-पुकार सुनकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। देर शाम दोनों श्रद्धालुओं की एक साथ अंतिम यात्रा निकाली गई। गांव के हजारों लोग और आसपास के ग्रामीण इस अंतिम यात्रा में शामिल हुए। परिजनों ने मुखाग्नि दी और गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। गौरतलब है कि फकीरचंद अपनी पत्नी सोहनबाई के साथ यात्रा पर गए थे। हादसे में सोहनबाई गंभीर रूप से घायल हुईं, जिनका उपचार मंदसौर अस्पताल में जारी है। फकीरचंद की तीन बेटियां हैं, तीनों विवाहित है। वहीं रतनबाई अपने बेटे देवीलाल और बहू ममता के साथ यात्रा पर गई थीं। हादसे में देवीलाल घायल हुए थे, जिन्हें कटरा अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है और वे भी जल्द गांव पहुंच जाएंगे। ममता को भी मामूली चोट आई थी, जो एम्बुलेंस के साथ सही-सलामत गांव लौटी। रतनबाई के घर पर पति भगतराम और बेटा समरथ इस सदमे से टूट गए हैं। हादसे के दौरान लापता हुए गांव के दो अन्य श्रद्धालु परमानंद पिता गंगाराम गुर्जर और अर्जुन पिता नाथूलाल गुर्जर सुरक्षित लौट आए हैं। गांव लौटते ही उन्हें देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। जनपद सदस्य अर्जुन गुर्जर ने बताया कि शवों के पहुंचते ही पूरा गांव शोक में डूब गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण, रिश्तेदार और जनप्रतिनिधियों ने अंतिम यात्रा में शामिल होकर श्रद्धांजलि अर्पित की। जम्मू-कश्मीर स्थित माता वैष्णोदेवी धाम के रास्ते पर हुए इस भीषण भूस्खलन ने पूरे देश को झकझोर दिया है। मंदसौर जिले के लिए यह हादसा और भी दर्दनाक है, क्योंकि इसने भीलखेड़ी गांव के दो परिवारों से उनके अपनों को छीन लिया। ग्रामीणों का कहना है कि माता वैष्णोदेवी की यात्रा पर निकले श्रद्धालु इतनी बड़ी त्रासदी का शिकार हो जाएंगे, यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। शवों के गांव पहुंचने के बाद से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। परिजनों ने सरकार से मांग की है कि इस भीषण हादसे में दिवंगत श्रद्धालुओं के परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी गहरा शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।
सकुशल पहुँचे अर्जुन ने कहा, हम आगे निकल चुके थे, डेढ़ किमी पीछे हुआ हादसा
भीलखेड़ी गांव के श्रद्धालु अर्जुन गुर्जर और परमानंद गुर्जर सकुशल गांव लौट आए हैं। घटना के बाद दोनों के लापता होने की खबर से गांव में चिंता का माहौल था, लेकिन शुक्रवार को उनके सुरक्षित लौटने से परिजनों ने राहत की सांस ली। अर्जुन गुर्जर ने लौटकर पूरे हादसे की स्थिति बयान करते हुए कहा कि वे दर्शन से ठीक पहले हादसे की चपेट में आने से बच गए। अर्जुन गुर्जर ने बताया कि 26 अगस्त को सभी यात्री माता वैष्णोदेवी दर्शन के लिए सीढ़ियां चढ़ रहे थे। दोपहर लगभग 2 बजे तक वे सभी एक साथ थे, लेकिन इसके बाद वे और परमानंद कुछ आगे निकल गए। करीब 5-6 किलोमीटर चलने के बाद पुलिस जवानों ने हमें रोक दिया। उन्होंने कहा कि आगे दर्शन के लिए नहीं जा सकते, हादसे की संभावना है, इसलिए हमें दूसरे रास्ते से बाहर निकलना होगा। उस समय हमें समझ में नहीं आया कि क्या हुआ है। अर्जुन ने बताया मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से गांव के अन्य यात्रियों और परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया। अर्जुन ने बताया कि जिस होटल में वे रात रुके, वहां से भी फोन मिलाने की कोशिश की, लेकिन नेटवर्क नहीं होने से बात नहीं हो सकी। पुलिस ने हमें रोकने के बाद दूसरे रास्ते से बाहर निकाल रही थी। बाद में पता चला कि जहां से हम गुजरे, उसके लगभग डेढ़ किलोमीटर पीछे भूस्खलन हुआ था और कई यात्री उसकी चपेट में आ गए। अर्जुन ने बताया कि हम बिना दर्शन किए ही पैदल करीब 13 किलोमीटर तक चलकर वे बाहर निकले। कटरा से ट्रेन और बसें बंद हो चुकी थीं, तो हमें निजी टैक्सी करके जम्मू आना पड़ा। वहां से ट्रेन में सवार हुए। लेकिन जम्मू से लेकर पठानकोट तक मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह बंद रहा। आखिरकार जब पठानकोट पहुंचे, तब जाकर नेटवर्क मिला और परिजनों से संपर्क हो सका। गांव लौटकर अर्जुन और परमानंद ने बताया कि वे माता वैष्णोदेवी के दर्शन नहीं कर पाए। उन्होंने कहा, हम दर्शन से ठीक पहले रुक गए और हादसे का शिकार होने से बच गए। लेकिन हमारे गांव के साथ गए लोग इस त्रासदी का शिकार हो गए, जो हमेशा हमारे दिल को कचोटता रहेगा। गांव में अर्जुन और परमानंद के सुरक्षित लौटने पर परिजनों और ग्रामीणों ने राहत महसूस की, लेकिन हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत और अन्य लोगों के घायल होने से गांव अब भी गमगीन माहौल में डूबा है।
देवड़ा ने कहा जम्मू सरकार देगी छह-छह लाख
जम्मू-कश्मीर के कटरा में हुए भूस्खलन हादसे में भीलखेड़ी गांव के श्रद्धालुओं की मौत पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक जगदीश देवड़ा ने दुख व्यक्त किया है। देवड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में प्रदेश सरकार पीड़ित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है। उपमुख्यमंत्री ने लिखा कि उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता त्वरित रूप से उपलब्ध कराई जाए। साथ ही उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा मृतक श्रद्धालुओं के परिवारजनों को छह-छह लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। देवड़ा ने कहा कि यह घटना पूरे क्षेत्र और परिवारजनों के लिए अत्यंत शोकप्रद है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए लिखा “मेरी पूर्ण संवेदनाएं परिवारजनों के साथ हैं। हम और पूरी मध्यप्रदेश सरकार आपके हरसंभव सहयोग के लिए निरंतर सजग हैं।