
जावरा (रतलाम)। कृषि उपज मंडी जावरा में 1 अगस्त 2025 को उपजाए गए विभिन्न जिंसों के भाव में मिश्रित रुझान देखने को मिला। जहां एक ओर मसाले और औषधीय फसलों में तेजी रही, वहीं दैनिक उपयोग की कुछ प्रमुख फसलें जैसे गेहूं, प्याज व लहसुन के भावों में नरमी रही।

मंडी में खसखस की कीमतों ने सभी को चौंकाया, इसका अधिकतम भाव ₹1,48,000 प्रति क्विंटल दर्ज हुआ, जबकि मॉडल भाव ₹1,30,000 रहा। कलौंजी ₹15,500 से ₹19,200 तक बिकी, जो इसके उच्चतम स्तरों में से एक है। तुलसी भी ₹12,200 प्रति क्विंटल तक बिकी, जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि औषधीय और मसालेदार फसलों की मांग बनी हुई है।

अलसी और तिल में संतुलित मजबूती बनी रही। अलसी का मॉडल भाव ₹7605 और तिल का ₹8155 रहा। वहीं, सोयाबीन का मॉडल भाव ₹4395 रहा, जो पिछले सप्ताह के मुकाबले लगभग स्थिर रहा।
देशी चना ₹5370 से ₹6370 के बीच बिका, जबकि डॉलर चना में मजबूती दर्ज की गई – इसका अधिकतम भाव ₹10,500 रहा और मॉडल भाव ₹9150।

मूंग की कीमतें ₹7200 से ₹7580 के बीच रही, जबकि मसूर ₹3300 से ₹6850 तक बिकी। मसूर में व्यापक रेंज दर्शाती है कि गुणवत्ता और मांग के अनुसार अलग-अलग स्तर पर व्यापार हुआ।

दैनिक उपयोग वाली फसलें जैसे गेहूं, प्याज, और लहसुन में गिरावट देखने को मिली।
गेहूं का मॉडल भाव ₹2820 रहा, जो MSP से भी नीचे है।
लहसुन के भावों में भारी अंतर देखा गया – ₹2000 से ₹12300 तक की बिकी, लेकिन औसतन मॉडल भाव ₹7150 ही रहा।
प्याज मात्र ₹849 के मॉडल भाव पर बिकी, जो किसानों के लिए निराशाजनक कहा जा सकता है।

मंडी में आज मक्का, उड़द, असालिया, अजवाइन, जीरा, ईसबगोल, और तुअर की आवक दर्ज नहीं हुई। इससे स्पष्ट है कि या तो इन फसलों की वर्तमान में स्टॉकिंग की जा रही है या किसान इन्हें कम ला रहे हैं।
