
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। नामान्तरण के प्रकरण में उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए नगर परिषद् सहित नामान्तरण कर्ता से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ऋषि पिता पंकज अग्रवाल ने इस संबंध में अधिवक्ता देवेन्द्रसिंह के माध्यम से उच्च न्यायालय में वाद दायर किया था। जिसमें बताया कि एक दो मंजिला मकान बैंक ऑफ़ इंडिया महात्मा गाँधी मार्ग पिपलियामंडी में स्थित है जिसका भवन क्रमांक 206 है। यह मकान मेरी दादी स्वर्गीय शकुंतला पति स्वर्गीय ओमप्रकाश अग्रवाल निवासी पिपलियामंडी के स्वामित्व एवं आधिपत्य का था। शकुंतला देवी की मृत्यु 25 जनवरी 2025 को हो गई है। शकुंतला देवी ने सर्व प्रथम एक वसीयत 22 दिसंबर 2022 को मनीष उर्फ़ मनोज पिता स्वर्गीय ओमप्रकाश अग्रवाल के पक्ष में की थी। लेकिन बाद में 27 अक्टूबर 2023 को नवीन वसीयत मेरे पक्ष में की थी। लेकिन मनीष उर्फ़ मनोज ने वसीयत उनकी इच्छा के विरुद्ध गुमराह करके कराई और मेरी दादी द्वारा निरस्त वसीयत के आधार पर नगर परिषद पिपलियामंडी में नामांतरण के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था। जिसमें मैंने व मेरे पिता पंकज गोयल ने आपत्ति दर्ज की थी तथा अपनी असली वसीयत के आधार पर नामांतरण के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था। लेकिन नियमों को ताक पर रखकर नगर परिषद् ने नामान्तरण मनोज उर्फ मनीष के पक्ष में कर दिया। इसके विरुद्ध मैंने उच्च न्यायालय की शरण ली। अधिवक्ता परिहार ने मामले की पैरवी करते हुए पक्ष रखा। इसके बाद उच्च न्यायालय ने अध्यक्ष, सीएमओ व नामान्तरण कर्ता मनीष उर्फ मनोज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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