
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। मप्र पुलिस भर्ती में नया खेल सामने आया है। भर्ती के दौरान एक युवक की ऊंचाई 167.5 सेंटीमीटर बताकर उसे बाहर कर दिया गया था। देवास के सरकारी मेडिकल बोर्ड ने उसकी ऊंचाई 169 सेंटीमीटर बताते हुए प्रमाणपत्र जारी कर दिया। मामला हाईकोर्ट पहुंचा, जहां जस्टिस विजयकुमार शुक्ला की खंडपीठ ने पुलिस को दोबारा परीक्षण करने को आदेश दिया। एडवोकेट मनुदेव पाटीदार (मल्हारगढ़) और अमन मालवीय व अभिषेक सोलकी ने बताया कि देवास के मस्तहब काजी ने पुलिस भर्ती 2025 में भाग लिया था। लिखित परीक्षा पास कर ली तो शारीरिक परीक्षण के लिए बुलाया गया था। परीक्षण में 168 सेमी की ऊंचाई पूरी नहीं होने की बात कहकर उसे भर्ती से बाहर कर दिया गया। इस पर काजी ने हाईकोर्ट में केस दायर कर पुलिस भर्ती में की गई धांधली के बारे में बताया। देवास मेडिकल बोर्ड का सर्टिफिकेट पेश किया। वहीं पुलिस की ओर से जो जवाब सरकार ने हाईकोर्ट में पेश किया, उसमें ऊंचाई 167.5 सेंटीमीटर होना बताया था। दो अलग-अलग ऊंचाई के प्रमाण-पत्र और दोनों ही प्रमाणित होने के चलते हाईकोर्ट ने काजी को भर्ती के लिए प्रभारी अधिकारी के समक्ष देवास मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण-पत्र के साथ 10 दिनों में पेश होने को कहा है। साथ ही वह पुलिस भर्ती में शामिल होने को आवेदन करता है, तो आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों में उस पर विचार करते हुए निर्णय लेने के लिए कहा है।
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