
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। शासकीय महाविद्यालय, पिपलिया में गुरूपूर्णिमा उत्सव पंडित शंभुदयाल शर्मा व पत्रकार प्रकाश बंसल के आतिथ्य में मनाया। मुख्यमंत्री मोहन यादव के भोपाल में सांदिपनी विद्यालय के शुभारंभ तथा विद्याथियों को सायकल वितरण समारोह का सीधा प्रसारण देखने के पश्चात नगर के पंडित शंभूदयाल शर्मा का शाल, श्रीफल तथा पुष्पहार से अभिनंदन किया। शंभुदयाल शर्मा ने कहा कि आदि गुरू शिव ने सबसे पहले सप्तऋषियों को ज्ञान से अलंकृत किया तत्पश्चात सप्तऋषियों ने श्रुति, स्मृति तथा ग्रंथो पर आधारित सनातन परम्परा को पल्लवित तथा पोषित किया। अंधकार से प्रकाश की ओर अर्थात अज्ञान, अनाचार से ज्ञान, सदाचार तथा सात्विक जीवन जीने की कला हमारे सनातन धर्म में नीहित है। प्राचार्य आरके श्रीवास्तव ने कहा कि ज्ञान के अधिकारी होने के लिये किसी विशेष वर्ग, जाति या लिंग का होना आवश्यक नहीं है, कोई भी व्यक्ति जो परमपिता परमेश्वर को सृष्टि का स्वामी मानता है, वह अपने में ज्ञान की योग्यता प्राप्त कर सकता है। नई शिक्षा नीति में बहुत वैज्ञानिक तरीके से नई पीढ़ी़ को भारतीय ज्ञान परम्परा तथा मूल्यों का ज्ञान कराया जाता है। संयोजक निशा जटिया, कन्हैयालाल लौहार, देवीलाल बामनिया, गायत्री शर्मा, कल्पना देवड़ा ने विचार रखे। संचालन हिन्दी विभागाध्यक्ष चन्द्रकला चौहान ने किया। आभार गोविन्द तंवर माना।
—–