
नीमच। वध के लिए गौवंश का अवैध परिवहन करने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार बौरासी ने दो आरोपियों को सजा सुनाई। मोहम्मद खलीक और सद्दाम कुरैशी को तीन-तीन साल का सश्रम कारावास और जुर्माना लगाया गया। दोनों को मध्यप्रदेश गौवंश प्रतिषेध अधिनियम 2004 की धारा 4/9 के तहत तीन साल का कठोर कारावास और 5000 रुपये जुर्माना, धारा 6/9 के तहत एक साल का कठोर कारावास और 5000 रुपये जुर्माना तथा मध्यप्रदेश कृषि पशु परिरक्षण अधिनियम 1959 की धारा 6(ख)(2) के तहत एक साल का कठोर कारावास और 1000 रुपये जुर्माना दिया गया। घटना 3 मार्च 2018 की शाम करीब 6:30 बजे की है। मंदसौर-नीमच फोरलेन पर सगरग्राम पुलिया के पास एक पिकअप वाहन का पिछला पहिया निकल गया था। वाहन क्षतिग्रस्त हालत में खड़ा था। उसमें 6 केड़े ठूंस-ठूंस कर भरे हुए थे। इन्हें वध के लिए महाराष्ट्र ले जाया जा रहा था। आम लोगों ने वाहन चालक और उसके साथी को पकड़ लिया था। थाना जीरन में पदस्थ उपनिरीक्षक पन्नालाल दायमा मौके पर पहुंचे। उन्होंने वाहन और उसमें भरे 6 केड़ों को जब्त किया। आरोपी मोहम्मद रफीक और सद्दाम को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में वाहन मालिक मोहम्मद खलीक का नाम सामने आया। उसे भी गिरफ्तार किया गया। जांच में पाया गया कि आरोपियों के पास गौवंश परिवहन का कोई वैध परमिट या लाइसेंस नहीं था। प्रकरण में शासन की ओर से एडीपीओ रितेश कुमार सोमपुरा ने पैरवी की। न्यायालय में पंचसाक्षी और विवेचक सहित सभी गवाहों के बयान कराए गए। आरोपी रफीक के फरार हो जाने के कारण केवल मोहम्मद खलीक और सद्दाम के खिलाफ फैसला सुनाया गया। न्यायालय ने दोनों को दोषी मानते हुए कठोर सजा दी।
