
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। पिपलिया मंडी गांधी चौराहे पर विश्व हिन्दू परिषद गो रक्षा विभाग ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम तहसीलदार ब्रजेश मालवीय को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में प्रदेश में गो माता की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए संरक्षण, सुरक्षा व उचित देखरेख की मांग की गई। ज्ञापन में कहा गया कि प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल में गो माता की रक्षा को लेकर कई प्रयास किए गए हैं। कत्लखानों से गो माता को बचाया गया और गोशालाओं का संचालन भी प्रारंभ हुआ, परंतु जमीनी हकीकत इससे कहीं अलग व चिंताजनक है।
गौशाला में गौवंश रखने से किया इनकार, खेती में कीटनाशक बनी गोमाताओं की दुश्मन:-
विहिप ने बताया कि जिले की कई गोशालाएं खाली पड़ी हैं, बावजूद इसके बीमार व लावारिस गो माता को रखने से इनकार कर दिया जाता है। जिन गोशालाओं में गोवंश रखा गया है, वहां की व्यवस्था अत्यंत दयनीय है। कीचड़ व गंदगी में रहने से गो माता बीमार हो रही हैं और समय पर इलाज न मिलने के कारण उनकी मृत्यु हो रही है। इसके अलावा किसानों द्वारा कीटनाशक दवाओं का प्रयोग ऊंची फसल उत्पादन के लिए किया जाता है। लेकिन यह अनजाने में गो माता के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। खेतों की मेड या खेत में चारा खाने गई गो माताएं जहरीले प्रभाव से बीमार पड़ती हैं और कई बार उनकी मौत हो जाती है। कीटनाशक का भी उपयोग संयमित तरीके से किया जाए।
सड़कों पर भटकती गो माता, दुर्घटनाओं का शिकार, प्रशासन मौन:-
ज्ञापन में कहा गया कि सड़कों पर भटक रही गो माताएं तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आकर घायल व काल का ग्रास बन रही हैं। हाल ही में सुवासरा जनपद अध्यक्ष ने शराब के नशे में अपनी कार से दो गो माताओं को कुचल दिया, जिनमें से एक गर्भवती थी और मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गई। इसी प्रकार महू-नीमच राजमार्ग पर ट्रक से चार गो माताओं को कुचलने की घटना भी सामने आई। ऐसी दुर्घटनाएं अब आम हो गई हैं और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। मृत मृत गोमाताओं के अंतिम संस्कार की कोई व्यवस्था नहीं है। शव खुले में फेंक दिए जाते हैं, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं।
गांधीसागर गो अभ्यारण्य, सुरक्षा विहीन क्षेत्र बना गो हत्या का केंद्र:-
ज्ञापन में इस बात पर भी गंभीर आपत्ति जताई गई कि मंदसौर व नीमच जिलों से लावारिस गो माता को गांधीसागर गो अभ्यारण्य में छोड़ा जा रहा है, जहां उनकी सुरक्षा की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। वहां हिंसक जानवरों व गो तस्करों से उनका जीवन हमेशा खतरे में रहता है। ज्ञापन में कहा गया कि इस तरह गो माता को जंगल में छोड़ना, प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से उनकी हत्या का प्रयास ही है। गो माता हिन्दू समाज की आस्था का केंद्र हैं और उनकी सेवा व सुरक्षा न केवल धार्मिक दायित्व है, बल्कि सरकार व समाज की भी जिम्मेदारी है। यदि गो तस्करी व लावारिस गो माताओं की समस्या पर शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए गए तो गो भक्त आंदोलन
विहिप ने ज्ञापन में प्रमुख रूप से उठाई ये मांगें:-
गोशालाओं को निर्देशित किया जाए कि वे गो माता को रखने से इनकार न करें और उनका समुचित इलाज सुनिश्चित करें। स्थानीय प्रशासन गोशालाओं का आकस्मिक निरीक्षण करे और लापरवाही पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। गांधीसागर गो अभ्यारण्य में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए बिना गो माता को वहां न छोड़ा जाए। महू-नीमच व दिल्ली-मुंबई मार्ग पर सक्रिय गो तस्करों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए और उनके वाहनों को राजसात किया जाए। पिपलिया मंडी में घायल गो माता के इलाज के लिए स्थाई पशु चिकित्सक की नियुक्ति की जाए व परिवहन साधन की व्यवस्था हो। मल्हारगढ़ प्रखंड की सभी गोशालाओं को निर्देशित किया जाए कि बीमार व लावारिस गो माता को समय पर चिकित्सा सुविधा दी जाए। पिपलिया मंडी नगर में गोशाला के लिए भूमि आवंटित कर शीघ्र निर्माण किया जाए। नगर में घूम रहे बेसहारा गोवंश को गोशाला तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। मल्हारगढ़ प्रखंड की प्रत्येक पंचायत में गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर गोशाला का निर्माण कराया जाए।
ज्ञापन सौंपने में प्रमुख रूप से मौजूद रहे:-
तहसीलदार को ज्ञापन देने के दौरान टीआई शिवांशु मालवीय, चौकी प्रभारी धर्मेश यादव, मुख्य नगरपालिका अधिकारी प्रवीण सेन भी मौजूद रहे। ज्ञापन देने वालों में नप अध्यक्ष प्रतिनिधि सुनील देवरिया, देवराज गुर्जर, नीलेश जैन, दिलीप गोयल, मनोहर मनवानी, सुनील फरक्या, विनोद माहेश्वरी, शुभम शर्मा, ईश्वर जादव, सुनील माली, सूरज, रमेश, आकाश, पंकज चौहान, प्रकाश शर्मा सहित विहिप गो रक्षा विभाग के पदाधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता व नगर के प्रमुख गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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