
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पिपलिया कराड़िया में गुरुवार को ऐसा हृदय विदारक हादसा घटित हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को गहरे शोक में डूबो दिया। बकरी चराने गए एक किशोर के कुएं में गिरने के बाद उसे बचाने कूदा युवक भी उसी कुएं में डूब गया। इस दर्दनाक घटना में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद गांव में सन्नाटा छा गया और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गुरुवार दोपहर को 18 वर्षीय संदीप चंद्रवंशी गांव के बाहरी इलाके में बकरियां चराने गया था। तेज धूप और गर्मी के चलते दोपहर करीब 2 बजे वह पास के ही एक पुराने कच्चे कुएं से पानी पीने उतरा। कुएं की मुंडेर पर फिसलन होने के कारण उसका पैर फिसल गया और वह सीधे कुएं में जा गिरा। संदीप को कुएं में गिरते और डूबते देख गांव के ही 30 वर्षीय कमलेश वाल्मीकि ने बिना कुछ सोचे-समझे मानवीय संवेदना और साहस का परिचय देते हुए कुएं में छलांग लगा दी। लेकिन अफसोस की बात यह रही कि कुएं की गहराई और पानी की अधिकता के चलते वह भी डूब गया और दोनों युवक बाहर नहीं निकल सके। घटना की जानकारी मिलते ही आस-पास के ग्रामीण दौड़कर घटनास्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों ने तुरंत नाहरगढ़ थाना पुलिस को सूचना दी। टीआई प्रभात गौड़ के नेतृत्व में पुलिस दल मौके पर पहुंचा और ग्रामीणों की मदद से लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद दोनों युवकों के शव कुएं से बाहर निकाले गए। इसके बाद दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और फिर परिजनों को सौंप दिया गया। घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। हर किसी की आंखें नम थीं और परिजन बेसुध हालत में रोते-बिलखते नजर आए। कमलेश वाल्मीकि जो कि पेशे से मजदूरी करता था, परिवार में सबसे जिम्मेदार बेटा था। वहीं संदीप चंद्रवंशी का बड़ा भाई दिव्यांग है और पूरा परिवार उसी पर निर्भर था। दोनों युवक अविवाहित थे और घर की आर्थिक जिम्मेदारी संभाल रहे थे। ग्रामीणों ने प्रशासन से यह भी सवाल किया कि गांव के आस-पास मौजूद ऐसे खुले व असुरक्षित कुओं की निगरानी क्यों नहीं होती। आज यदि उस कुएं पर मुंडेर मजबूत होती या उस पर सुरक्षा घेरा होता तो शायद यह हादसा टल सकता था। गांव वासियों ने मांग की है कि क्षेत्र में सभी खुले कुओं की सुरक्षा दीवार बनाई जाए ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह न टूटे। यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि साहस, मानवता और विफल सुरक्षा व्यवस्था का मिला जुला रूप है। जहां एक युवक की जान बचाने दूसरे ने अपनी जान तक की परवाह नहीं की, वहीं यह भी उजागर होता है कि बुनियादी सुरक्षा उपायों की अनदेखी किस कदर जानलेवा बन सकती है। शासन को इस ओर गंभीरता से विचार कर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
डिप्टी सीएम ने जताया शोक:-
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं मल्हारगढ़ विधायक जगदीश देवड़ा ने इस हृदय विदारक घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया पर शोक संदेश में लिखा कि मल्हारगढ़ विधानसभा के ग्राम पिपलिया कराड़िया में संदीप चंद्रवंशी और कमलेश वाल्मीकि की कुएं में डूबने से दुखद मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। दोनों परिवारों के प्रति मेरी गहन संवेदनाएं हैं। परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने चरणों में स्थान दें और शोकसंतप्त परिवारों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दें।
किसान नेता ने की आर्थिक सहायता की मांग:-
मल्हारगढ़ के किसान नेता श्यामलाल जोकचंद ने भी घटना पर गहरा दुख प्रकट किया। उन्होंने लिखा कि कमलेश ने संदीप की जान बचाने के लिए जो साहसिक कदम उठाया, वह अद्वितीय और प्रेरणादायक है। ऐसे लोगों को समाज में सलाम किया जाना चाहिए। मैं दोनों दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ और शासन-प्रशासन से मांग करता हूँ कि मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि उनके जीवनयापन में सहायता मिल सके।
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