
उज्जैन। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर दायर जनहित याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने फैसला सुना दिया है। अदालत ने वर्तमान व्यवस्था को यथावत रखते हुए साफ किया है कि फिलहाल भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी और वे दूर से ही दर्शन करेंगे। अदालत ने गर्भगृह प्रवेश का अधिकार उज्जैन कलेक्टर के पास ही बनाए रखा है। अब वही यह तय करेंगे कि किसे गर्भगृह में जाने की अनुमति दी जाए। यह याचिका इंदौर निवासी दर्पण अवस्थी ने वकील चर्चित शास्त्री के माध्यम से दायर की थी। याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया था कि जब देशभर से आने वाले लाखों आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं है, तो नेताओं, व्यापारियों और रसूखदारों को यह विशेष सुविधा क्यों दी जाती है। याचिका में इस तथाकथित “वीआईपी कल्चर” को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के बाद आदेश सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि मंदिर प्रशासन और जिला कलेक्टर ही यह तय करेंगे कि किसे गर्भगृह में प्रवेश दिया जाए और किसे नहीं। कोर्ट ने कहा कि याचिका व्यक्ति विशेष की समस्या पर आधारित है और इसे जनहित का मामला नहीं माना जा सकता। इधर, याचिकाकर्ता के वकील चर्चित शास्त्री ने मीडिया से कहा कि यह केवल व्यक्ति विशेष का मामला नहीं बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का विषय है। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के इस फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। शास्त्री ने कहा कि आम भक्तों को भी बाबा महाकाल के समीप जाकर पूजा-अर्चना का अवसर मिलना चाहिए। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर 4 जुलाई 2023 से रोक लगी हुई है। इस दौरान केवल वीआईपी, अधिकारी और विशेष अनुमति प्राप्त व्यक्तियों को ही प्रवेश दिया गया है। अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने भी याचिका का समर्थन करते हुए सुझाव दिया था कि गर्भगृह प्रवेश के लिए कोई स्पष्ट नीति बनाई जाए। चाहे इसके लिए शुल्क या समय निर्धारण किया जाए, लेकिन साधारण श्रद्धालुओं को भी नजदीक से दर्शन का अवसर मिलना चाहिए। हाल ही में कई नेता पुत्रों और रसूखदारों द्वारा जबरन बैरिकेडिंग फांदकर गर्भगृह में प्रवेश करने के मामले भी सामने आए थे। इन घटनाओं के चलते आम भक्तों में असंतोष और आक्रोश की स्थिति बनी। अब हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद स्थिति जस की तस रहेगी। हालांकि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं, ऐसे में आने वाले समय में इस पूरे मामले पर बड़ा फैसला संभव है।