
नीमच – उपखंड के नयागांव स्थित सीसीआई फैक्ट्री की संपत्ति के हस्तांतरण पर रोक लगा दी गई है। तहसीलदार मयूरी जोक ने यह आदेश जारी किया है। श्रम न्यायालय मंदसौर ने 55 प्रकरणों में सीसीआई नयागांव से 17 करोड़ 55 लाख 69 हजार 405 रुपए की वसूली का आदेश दिया था। इस वसूली के लिए नीमच कलेक्टर ने तहसीलदार जावद को निर्देश दिए थे। सीसीआई के कार्यकारी प्रभारी अधिकारी जयंत व्यास ने श्रम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय इंदौर में अपील की है। उन्होंने कार्यवाही स्थगित करने की मांग की थी। लेकिन इसी बीच सीसीआई ने प्लांट, मशीनरी और रेलवे ट्रैक की बिक्री के लिए टेंडर जारी कर दिया। तहसीलदार न्यायालय ने सीसीआई प्रबंधन के दोहरे रवैये पर कड़ा रुख अपनाया है। प्रबंधन एक तरफ उच्च न्यायालय में अपील का हवाला देकर वसूली कार्यवाही रोकने की मांग कर रहा था। दूसरी तरफ फैक्ट्री की संपत्ति बेचने की कोशिश में था। न्यायालय ने नीलामी प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाते हुए फैक्ट्री प्रबंधन को निर्देश दिया है। अब 90 श्रमिकों का बकाया वेतन श्रम न्यायालय या तहसीलदार न्यायालय में जमा करवाना होगा। इसके बाद ही किसी संपत्ति का हस्तांतरण किया जा सकेगा। कांग्रेस नेता तरुण बाहेती ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मजदूरों और कर्मचारियों के वाजिब हक की लड़ाई श्रम न्यायालय मंदसौर और उच्च न्यायालय नई दिल्ली में लंबित है। केंद्र सरकार ने दोनों न्यायालयों को अंधेरे में रखकर नीलामी की थी। नीमच जिला कांग्रेस ने इस नीलामी के विरोध में धरना भी दिया था।