
चित्तौड़गढ़। कोतवाली निम्बाहेड़ा पुलिस ने सतर्कता और मुस्तैदी का परिचय देते हुए बीएसएनएल विभाग की चोरी की गई भारी मात्रा में अंडरग्राउंड केबल को बरामद कर एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान एक कंटेनर को रोककर जांच की, जिसमें करीब 4610 किलोग्राम केबल के कटे हुए टुकड़े पाए गए। इस मामले में हरियाणा और उत्तर प्रदेश के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो उक्त चोरी का माल दिल्ली ले जा रहे थे। जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने बताया कि जिले में लोकल स्पेशल एक्ट की कार्रवाई के तहत एएसपी सरिता सिंह और डीएसपी बद्रीलाल राव के निर्देशन में कोतवाली थानाधिकारी रामसुमेर मीणा के नेतृत्व में टीम गठित की गई थी। इस टीम में एएसआई सूरज कुमार और अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। जलिया चेक पोस्ट पर नाकाबंदी के दौरान नीमच की तरफ से आ रहे एक कंटेनर को संदेह के आधार पर रोका गया। जांच के दौरान कंटेनर के अंदर काले रंग की मोटी केबल के टुकड़े पाए गए, जिन पर S.I.I.L SILVASSA 1997 1200 PRS 0.4 MM DOT अंकित था। यह केबल बीएसएनएल विभाग की प्रतीत हुई। कंटेनर में भरी केबल की लंबाई करीब 25 से 26 फीट और मोटाई 2.5 से 3 इंच के बीच थी। जब उसका वजन तौला गया तो कुल 4610 किलोग्राम पाया गया। इसके अलावा कंटेनर में केबल काटने की एक आरी (कट्टर) भी मिली, जिससे स्पष्ट हुआ कि यह माल चोरी किया गया है। पुलिस ने केबल, कट्टर और कंटेनर को जब्त कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे यह केबल महाराष्ट्र के संभाजीनगर क्षेत्र से चोरी कर लाए थे और इसे दिल्ली में खपाने की योजना थी। गिरफ्तार आरोपियों में कंटेनर चालक बलवान सिंह (55 वर्ष) निवासी झज्जर (हरियाणा), असलम (37 वर्ष) निवासी बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश), और शाहरूख (26 वर्ष) निवासी कासगंज (उत्तर प्रदेश) शामिल हैं। तीनों वर्तमान में पश्चिम दिल्ली के विष्णु गार्डन इलाके में रह रहे थे। इस मामले में जब महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क किया गया तो पता चला कि वहां बीएसएनएल केबल चोरी का मामला पहले से ही दर्ज है। महाराष्ट्र पुलिस की एक टीम निम्बाहेड़ा पहुंची और आरोपियों से पूछताछ की। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी इससे पहले भी संभाजीनगर जिले में छह से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे वारदात को बहुत ही शातिर तरीके से अंजाम देते थे। हाईवे के किनारे जहां अंडरग्राउंड केबल बिछी होती, वहां ये लोग रिफ्लेक्टर जैकेट और हेलमेट पहनकर खुदाई का कार्य शुरू कर देते थे। ट्रैफिक को डायवर्ट करने के लिए बेरियर लगाए जाते थे, जिससे यह लगे कि सरकारी कर्मचारी विभागीय कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा घटनास्थल पर उनके कुछ साथी महंगी गाड़ियों में सफेदपोश बनकर खड़े रहते थे, जिससे लोगों को शक न हो। पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड दिल्ली निवासी महबूब खान है, जो हवाई जहाज से सफर करता है और वारदात को अंजाम देने के लिए पूरी योजना बनाता है। वह अब तक कई चोरी की वारदातें करवा चुका है और वर्तमान में फरार है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई है। इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि बीएसएनएल जैसी महत्वपूर्ण संचार सेवा को नुकसान पहुंचाने वाले यह अपराधी बेहद संगठित तरीके से काम कर रहे थे। निम्बाहेड़ा पुलिस की सजगता से न केवल करोड़ों रुपए की सरकारी संपत्ति को बचाया गया, बल्कि एक बड़े अपराध नेटवर्क का भी भंडाफोड़ किया गया है। मामले की विस्तृत जांच जारी है और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।