
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। मंदसौर से दिल्ली के लिए संचालित अशोक ट्रेवल्स की निजी यात्री बस में यात्रा कर रहे यात्रियों को बस की अनियमितता, तकनीकी खामियों और स्टाफ की उदासीनता के कारण गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ा। निर्धारित समय से ढाई घंटे देरी से बस पहुंची और भीषण गर्मी के बीच बस में एयर कंडीशनर बंद रहा। यात्रियों ने बताया कि स्टाफ ने यात्रियों की बातों को नजरअंदाज किया और कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। यात्रियों ने आरटीओ से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि बस संचालकों की मनमानी पर लगाम लगाई जानी चाहिए। बस में मल्हारगढ़ तहसील के यात्री भी सवार थे।
7 बजे आनी थी बस, रात 9.30 बजे पहुंचीः-
यात्रा करने वाले सुठोद निवासी राहुल चौहान ने बताया कि उन्होंने मन्दसौर से दिल्ली के लिए अशोक ट्रेवल्स की बस में ऑनलाइन टिकट बुक किया था। बस का निर्धारित समय शाम 7 बजे का था, लेकिन यह बस (क्रमांक एनएल 07 बी 3636) सोमवार रात 9.30 बजे मन्दसौर बायपास पहुंची। उन्होंने बताया कि बस की इस देरी को लेकर जब स्टाफ से जानकारी ली गई तो उन्हें कोई ठोस या स्पष्ट जवाब नहीं मिला।
गर्मी में एसी बंद, स्टाफ ने दिया टालमटोल वाला जवाब:-
राहुल ने आगे बताया कि जैसे ही बस में चढ़े, यात्रियों को सबसे पहली परेशानी यह हुई कि बस का एसी बंद था। जब बस स्टाफ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में चालू हो जाएगा। लेकिन जब तक प्रतापगढ़ नहीं आ गया, तब तक एसी चालू नहीं हुआ। इससे परेशान होकर कुछ यात्रियों ने बस से उतरकर यात्रा करने से इनकार कर दिया, जबकि कुछ यात्रियों को मजबूरी में सफर जारी रखना पड़ा।
निम्बाहेड़ा में मंगवाई गई दूसरी बस, तब जाकर मिली राहत:-
निम्बाहेड़ा पहुंचने पर यात्रियों के विरोध के बाद बस स्टाफ ने दूसरी बस मंगवाई और यात्रियों को उसमें शिफ्ट किया गया। लेकिन तब तक अधिकांश यात्रियों की हालत गर्मी व असुविधा के कारण खराब हो चुकी थी। राहुल चौहान ने कहा कि बस संचालकों को यात्रियों की कोई चिंता नहीं, वे सिर्फ अपनी आमदनी और सुविधा देखते हैं।
महिला होती तो क्या हाल होता:-
मल्हारगढ़ निवासी विनोद गुर्जर ने भी इस अव्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि उन्होंने शाम 7 बजे के लिए टिकट बुक कराया था और जब आधा घंटा पहले बुकिंग सेंटर कॉल किया तो कहा गया कि जल्दी आ जाइए नहीं तो बस निकल जाएगी। वे तत्काल मन्दसौर बायपास पहुंचे, लेकिन रात 9 बजे तक भी बस नहीं आई। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर उनके स्थान पर कोई महिला यात्री होती तो उसकी स्थिति कितनी दयनीय हो जाती।
सीटों में हेरफेर, स्टाफ का व्यवहार असंवेदनशील:-
विनोद ने यह भी आरोप लगाया कि बस में सीटों को लेकर भी गड़बड़ी थी और जो सीट बुक की थी, वह किसी और को दे दी गई। जब इस संबंध में स्टाफ से बात की गई तो उन्होंने बेहद असंवेदनशीलता दिखाई। ईयर कंडीशनिंग की सुविधा बंद होने के कारण वृद्ध यात्री और बच्चे विशेष रूप से परेशान हुए।
आरटीओ से कार्रवाई की मांग, यात्रियों ने कहा, मनमानी पर लगे लगाम:-
प्रभावित यात्रियों ने आरटीओ से मांग की है कि अशोक ट्रेवल्स जैसे निजी बस संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए जो यात्रियों की सुविधाओं को नजरअंदाज कर अपने फायदे के लिए नियमों की अनदेखी करते हैं। यात्रियों का कहना है कि समय पर बस चलाना, बुकिंग व्यवस्था पारदर्शी रखना और बुनियादी सुविधाएं देना बस संचालकों की जिम्मेदारी है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। एसे में यात्रियों की मांग है कि समय पर सेवा मिले, बसों में एसी जैसी सुविधाएं चालू हो, स्टाफ हो प्रशिक्षित और संवेदनशील, सीटों की बुकिंग में पारदर्शिता, महिला व वृद्ध यात्रियों के लिए विशेष ध्यान, ऐसे संचालकों पर आरटीओ सख्त कार्रवाई करे। यात्रियों ने चेताया कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो वे जनप्रतिनिधियों से मिलकर उच्च स्तर पर शिकायत दर्ज कराएंगे।
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