
पिपलिया स्टेशन (जेपी तेलकार)। चित्तौड़गढ़, नीमच और मंदसौर के बीच चलने वाली निजी बस सेवाओं में इन दिनों अव्यवस्था, धोखाधड़ी और कमीशनखोरी का ऐसा जाल बिछा है, जिसमें यात्री मजबूरी में फंसते जा रहे हैं। मनमाना किराया वसूलने के बाद भी उन्हें सम्मानजनक और सुविधाजनक यात्रा का हक नहीं मिल रहा, बल्कि उन्हें भेड़-बकरियों की तरह ठूंसकर और कई बार बस बदलवाकर गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। गुरुवार को घटित एक ताजा मामला इस पूरे खेल की पोल खोलने के लिए काफी है।
कैसे होता है यात्रियों के साथ छल:-
जानकारी के अनुसार, चित्तौड़गढ़ से एक निजी मीनाक्षी बस में यात्रियों को यह कहकर बैठाया गया कि बस सुपरफास्ट है और सीधी नीमच जाएगी। लेकिन रास्ते में उन्हें निंबाहेड़ा उतारकर दूसरी बस (एमपी 44 जेडबी 8192) में चढ़ा दिया गया। इस बार भरोसा दिलाया गया कि यह बस सीधी मंदसौर जाएगी। लेकिन यात्रियों को फिर नीमच में उतार दिया गया और वहां से मंदसौर जाने वाली एक और बस (एमपी 14 पीए 0256) में ठूंसकर बैठाया गया। इन बसों में हालात इतने खराब थे कि सीटें पहले से भरी होने के बावजूद खड़े यात्रियों को पैर रखने की जगह तक नहीं थी। कई यात्रियों में महिलाएं, बुजुर्ग और उदयपुर से आ रहे मरीज शामिल थे, जिन्हें सफर के दौरान काफी परेशानियां उठानी पड़ीं।
कमीशनखोरी का धंधा:-
यात्रियों ने आरोप लगाया कि यह पूरा खेल कमीशनखोरी का है। एक बस से दूसरी बस में चढ़ाने के लिए स्टाफ यात्रियों को एक पर्ची देता है। जो साफ तौर पर नियमों के विरुद्ध है। बस पर सही गंतव्य प्लेट नहीं लगी होती, जिससे यात्री भ्रमित होकर स्टाफ के झांसे में आ जाते हैं।
नियम-कायदों की खुलेआम धज्जियां :-
परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार बस में निर्धारित क्षमता से अधिक यात्री नहीं बैठाए जा सकत। समय-सारणी और परमिट रूट का पालन अनिवार्य है। फर्स्ट एड बॉक्स, शिकायत पेटी, ड्राइवर-कंडक्टर की यूनिफॉर्म और सीसीटीवी जरूरी हैं। लेकिन मंदसौर-नीमच रूट पर चलने वाली बसों में इन नियमों का पालन लगभग न के बराबर है। परमिट रूट से हटकर संचालन आम है और जानकारों का कहना है कि इसमें परिवहन विभाग की मिलीभगत भी शामिल है। हादसों के बाद विभाग महज औपचारिक कार्रवाई कर फिर सो जाता है।
यात्रियों में रोष, विभाग पर सवाल:-
लगातार मिल रही शिकायतों के बावजूद परिवहन विभाग का ढीला रवैया जनता में आक्रोश पैदा कर रहा है। यात्रियों का कहना है कि अगर समय रहते कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो यह मनमानी और बढ़ेगी, और हादसों का खतरा भी ज्यादा रहेगा।
बड़ा सवाल:-
क्या परिवहन विभाग जागेगा और यात्रियों की सुरक्षा व सम्मानजनक यात्रा का हक दिलाएगा, या फिर कमीशनखोरी के इस खेल में आंखें मूंदे रहेगा ?
आरटीओ का बेतुका बयान:-
मामले पर जब मंदसौर आरटीओ वीरेन्द्र यादव से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि सवारियों को ठूसकर बिठाने वाला दोषी नहीं है, जिसने सवारियां बैठाईं वह दोषी है। चूंकि अपराध करने वाला नीमच तक आया है, तो यह शिकायत नीमच आरटीओ को करनी होगी। नीमच आरटीओ नंदलाल गामड़ ने कहा आपने जानकारी दी है, हम मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे।
स्टाफ को समझाइश देंगें:-
नीमच-मंदसौर बस मालिक एसोसिएशन संरक्षक मुकेश गुप्ता का कहना है कि लंबी दूरी का साधन नही होने से परिचालक टुकड़ो में यात्रियों को सफर कराते है एक बस से दूसरी बस के सफर में यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखा जाता है, लेकिन त्यौहारी सीजन में थोड़ी सी परेशानी यात्री को होती है, आपके द्वारा यात्रियों को हुई परेशानी को मेरे संज्ञान लाया गया है कोशिश करेंगे की आगे यात्री परेशान ना हो इसके लिए स्टाफ को समझाइश देंगे।
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