
जबलपुर-महू के रहने वाले दो सीनियर छात्रों ने मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में की वारदात, पिता सेना अधिकारी और व्यवसायी होने के बावजूद लापरवाही की पराकाष्ठा
रतलाम। शासकीय डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय मेडिकल कॉलेज में बुधवार की रात एक ऐसी शर्मनाक घटना सामने आई, जिसने पूरे कॉलेज परिसर में हड़कंप मचा दिया। 2023 बैच के दो सीनियर स्टूडेंट्स नशे की हालत में फर्स्ट ईयर के हॉस्टल में घुसे और जूनियर छात्र के साथ अभद्रता करते हुए उसके बाल काट दिए। साथ ही एक अन्य छात्र से शराब मंगाई गई।
घटना का पूरा घटनाक्रम
जानकारी के अनुसार, बुधवार रात 2023 बैच के आयुष्मान पांडे और अमोलिक वर्मा नशे की हालत में मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में घुसे। आयुष्मान पांडे जबलपुर का निवासी है और उनके पिता एक रिटायर्ड आर्मी अधिकारी हैं। अमोलिक वर्मा महू का रहने वाला है, जिनके पिता का ऑटोमोबाइल व्यवसाय है।
दोनों सीनियर्स ने फर्स्ट ईयर के छात्र के कमरे में घुसकर ट्रिमर से छात्र के सिर के बाल काट डाले। इसके अलावा, हॉस्टल में मौजूद एक अन्य जूनियर छात्र से शराब मंगवाई। पीड़ित छात्र ने बताया कि आरोपियों ने गाली-गलौज भी की और धमकाया।
छात्र विरोध में आए, आरोपी भाग खड़े हुए
घटना की जानकारी हॉस्टल के अन्य छात्रों को लगी तो उन्होंने विरोध जताया। दोनों सीनियर्स ने इस विरोध पर जोर-जोर से चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। घबराकर वे हॉस्टल की पीछे की दीवार से कूदकर फरार हो गए। अपनी बाइक वहीं छोड़कर भाग गए।
कॉलेज प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
रैगिंग की इस गंभीर घटना के सामने आने के बाद कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी ने तत्काल बैठक की। बैठक में फैसला लिया गया कि आयुष्मान पांडे को एक साल के लिए कॉलेज कैंपस, हॉस्टल और सभी एकेडेमिक गतिविधियों से निष्कासित किया जाएगा। वह अगले एक साल तक यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं में भी शामिल नहीं हो सकेगा। वहीं, अमोलिक वर्मा को छह महीने के लिए कैंपस और परीक्षाओं से बाहर रखा गया है।
पेरेंट्स को तलब किया गया
डीन डॉ. अनिता मूथा ने बताया कि दोनों छात्रों के माता-पिता को कॉलेज में बुलाया गया है। उनसे लिखित अंडरटेकिंग ली जाएगी कि आगे ऐसी कोई घटना दोबारा नहीं होगी। साथ ही, सभी वार्डन्स को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि हॉस्टल में निगरानी कड़ी की जाए और छात्र सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
पुलिस ने की जानकारी जुटाई
औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी गायत्री सोनी ने मेडिकल कॉलेज जाकर डीन से मुलाकात की और मामले की जानकारी ली। फिलहाल कॉलेज की तरफ से या पीड़ित छात्र के परिवार की ओर से पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली है, इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। थाना प्रभारी ने बताया कि अगर शिकायत आती है तो पुलिस कानूनी कार्रवाई में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
छात्रों और शिक्षकों की प्रतिक्रिया
कॉलेज में इस घटना ने छात्रों और शिक्षकों में रोष फैलाया है। कई छात्र इस प्रकार की रैगिंग को शिक्षा व्यवस्था के लिए खतरा बता रहे हैं। शिक्षक भी ऐसे व्यवहार को पूरी तरह अस्वीकार करते हैं और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की बात कह रहे हैं।
रैगिंग पर कड़े कानून
देश में रैगिंग को लेकर कड़े कानून हैं और किसी भी प्रकार की शारीरिक या मानसिक हिंसा को गंभीर अपराध माना जाता है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन भी इस मामले में सख्ती बरत रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।