
पिपलिया स्टेशन। गुरुवार सुबह पिपलिया मंडी नगर के आस पास गांवो के साथ ही सीमावर्ती राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। कई लोग घरों व दुकानों से बाहर आ गए। हालांकि, झटकों की तीव्रता हल्की रही और कोई जनहानि या भौतिक क्षति की सूचना सामने नहीं आई है। प्रशासन ने स्थिति पर निगरानी रखते हुए आमजन से शांति बनाए रखने की अपील की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुबह 10 बजकर 07 मिनट और 10 बजकर 10 मिनट पर पिपलियामंडी, कनघट्टी, अमरपुरा, बही पारसनाथ, सेमली, फोफालिया, रेवास देवड़ा समेत राजस्थान की सीमा से लगे प्रतापगढ़ जिले के बोरी, कुलमीपुरा और दमाखेड़ी गांवों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में रहा, जिसकी गहराई 10 किलोमीटर और तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 दर्ज की गई।
कनघट्टी में Cctv में रिकॉर्ड हुआ कंपन
मल्हारगढ़ तहसील के कनघट्टी गांव निवासी प्रवीण बाकोलिया ने बताया कि झटके महसूस होते ही लोगों में डर का माहौल बन गया। उस समय बिजली सप्लाई भी बाधित हो गई थी, जो दोपहर 3 बजे बहाल हो सकी। कनघट्टी बस स्टैंड पर लगे ब्ब्ज्ट कैमरे में कंपन रिकॉर्ड हुआ, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि झटका वास्तविक था।
14 दिन में दूसरी बार झटके
उल्लेखनीय है कि सीमावर्ती प्रतापगढ़ जिले के गांवों में बीते 14 दिनों में यह दूसरा भूकंप है। इससे पहले 23 जुलाई 2025 को भी यहां 3.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। दो सप्ताह के भीतर दो बार धरती का हिलना भौगोलिक दृष्टिकोण से गंभीर संकेत माना जा रहा है, हालांकि विशेषज्ञ इसे स्थानीय भूगर्भीय गतिविधि का हिस्सा बता रहे हैं।
एसडीएम ने कहा
मल्हारगढ़ के एसडीएम रविंद्र परमार ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 3.9 रही, जो सामान्य से कम मानी जाती है और ऐसे झटके ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते। फिर भी प्रशासन द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को अलर्ट किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व, पुलिस और बिजली विभाग की टीमों ने स्थिति का जायजा लिया। प्रशासन ने आमजन से भूकंप के समय बरती जाने वाली सावधानियों का पालन करने की अपील की है।
ये है आमजन के लिए निर्देश
लोगों को सलाह दी गई है कि वे
ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहें ।
खुले मैदानों में जाएं ।
घरों में भारी सामान के नीचे न खड़े हों ।
भूकंप के समय लिफ्ट का उपयोग न करें ।
अफवाहों पर विश्वास न करें और केवल सरकारी स्रोतों से मिली जानकारी पर भरोसा करें।
वैज्ञानिकों की नजर भूकंपीय गतिविधि पर भूकंपीय वैज्ञानिकों के अनुसार, मध्यभारत के कुछ क्षेत्र कम तीव्रता वाले भूकंपों की दृष्टि से संवेदनशील हैं, खासकर वे इलाके जो राजस्थान की सीमा से लगे हैं। इस बार का झटका भी ऐसा ही माना जा रहा है। हालांकि, लगातार दो झटकों के बाद भविष्य में किसी बड़े झटके की आशंका नहीं जताई गई है।
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