
Oplus_16908288
लूट के मुकदमे में आरोपी को फंसने से रोकने तथा गाड़ी छोड़ने के नाम पर मांग रहा था रिश्वत; 20 हजार रुपए रंगे हाथों लिए, पहले 35 हजार रुपए ले चुका था; रिश्वत देते समय शैतान सिंह नाथावत का नाम ले रहा था।
उदयपुर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की विजिलेंस यूनिट ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए राजसमंद जिले के खमनोर थाना के हेड कॉन्स्टेबल कृष्ण कुमार को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रेप कर गिरफ्तार किया। आरोप है कि वह लूट के एक मुकदमे के परिवादी को आरोपी नहीं बनाने और जुड़ी गाड़ी को छोड़ने के बदले पूर्व में 35 हजार रुपए ले चुका था और अब अतिरिक्त 20 हजार रुपए मांग रहा था। इस पूरे खेल में वह थाना प्रभारी शैतान सिंह नाथावत का नाम लेकर दबाव बना रहा था । सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस यूनिट की यह कार्रवाई विजिलेंस इंचार्ज सोनू शेखावत के नेतृत्व में अंजाम दी गई। जानकारी मिली है कि शिकायत मिलने पर विजिलेंस ने गहन जांच के बाद कृष्ण कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों घेराबंदी कर ट्रेप किया। मौके पर उससे 20 हजार रुपए बरामद किए गए। पूछताछ में पता चला कि कृष्ण कुमार ने पहले भी परिवादी से 35 हजार रुपए लेकर मामले को प्रभावित करने की कोशिश की थी। एसीबी की ओर से बताया गया है कि गिरफ्तारी के बाद आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और उसी के साथ-साथ आवश्यक आपराधिक तथा विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक पूछताछ में कृष्ण कुमार ने कथित तौर पर थाना प्रभारी शैतान सिंह नाथावत का नाम लेकर दावा किया कि वही निर्देश दे रहे थे, लेकिन इस दावे की सत्यता की जांच की जा रही है। विजिलेंस सूत्रों ने बताया कि परिवादी को लूट के मुकदमे में फंसने से बचाने और गाड़ी को छोड़ने का वादा करते हुए कृष्ण कुमार ने लगातार दबाव बनाया था। जब परिवादी ने विरोध किया तो उसे “समाधान” के नाम पर पहले 35 हजार रुपए दिए गए और बाद में अतिरिक्त रकम के लिए फिर संपर्क किया गया। इस बीच, विजिलेंस ने गुप्त सूचना के आधार पर पूरी तरह से नज़र रखी और आरोपित को झांसे में फंसने से पहले रंगे हाथों पकड़ लिया। अधिकारियों ने कहा है कि आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए पेशी की प्रक्रियाएँ जारी हैं तथा मामले की विस्तृत जांच की जा रही है ताकि इस तरह की किसी और गड़बड़ी के पीछे के नेटवर्क का पता लगाया जा सके। साथ ही, यदि शैतान सिंह नाथावत के नाम पर जो आरोप लगाए गए हैं उनकी पुष्टि होती है तो उसके विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस विभाग में इस मामले ने सख्ती और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, इसलिए उच्च स्तरीय निगरानी के साथ जांच को तेज कर दिया गया है। विजिलेंस ने स्थानीय स्तर पर यह संदेश भी दिया है कि रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।