
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व सांसद अलवर व पिपलियामंडी होल्कर स्लेट पेन एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय घीलोठ के संस्थापक कर्मयोगी स्व. लाला काशीराम गुप्ता की 47 वीं पुण्यतिथि घीलोठ विद्यालय परिसर में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। यह आयोजन न केवल श्रद्धांजलि था, बल्कि शिक्षा जगत में एक नया नवाचार भी प्रस्तुत करने वाला सिद्ध हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत स्व. लालाजी के परिवार द्वारा विद्यालय में 50 पौधों के पौधारोपण से हुई। इसके बाद लाला काशीराम किस्तूरी देवी गुप्ता मेमोरियल चौरिटेबल ट्रस्ट के सौजन्य से विद्यालय के 275 विद्यार्थियों को विशेष रूप से तैयार किए गए स्कूल बैग वितरित किए गए। यह बैग सिर्फ उपयोगी नहीं थे, बल्कि उनमें एक जीवनरक्षक संदेश भी अंकित था। इन बैग्स पर देश की जानी-मानी प्लास्टिक सर्जन डॉ. मालती गुप्ता (स्व. लालाजी की सुपुत्री) द्वारा संचालित ष्बर्न मुक्त ग्राम अभियानष् के अंतर्गत जलने पर प्राथमिक उपचार का प्रमुख संदेश ष्जल जाओ तो पानी डालोष् प्रिंट करवाया गया। इस प्रयास को शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तर पर अपनी तरह का पहला नवाचार माना जा रहा है। उद्देश्य है कि यह संदेश विद्यार्थियों के माध्यम से हर घर तक पहुंचे और लोगों में जलने पर सही प्राथमिक उपचार की जागरूकता फैले।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विद्यालय के प्रधानाचार्य कालूराम सिरोहीवाल ने स्व. लाला काशीराम गुप्ता के जीवनवृत्त, स्वतंत्रता संग्राम में योगदान व सामाजिक सरोकारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस अभिनव प्रयास की सराहना करते हुए उपस्थित विद्यार्थियों को जलने पर प्राथमिक उपचार संबंधी जानकारी भी दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती रेणु गुप्ता, श्रीमती अल्का गुप्ता, श्रीमती पुष्पा गुप्ता सहित कई गणमान्य ग्रामवासी उपस्थित रहे। श्रीमती अल्का गुप्ता ने भी बच्चों व अभिभावकों को संबोधित करते हुए ऐसे प्रयासों को जीवन से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत घीलोठ के सरपंच परमानंद यादव, पूर्व सरपंच प्रतिनिधि नमहताब सिंह चौहान, एसडीएमसी सदस्य राकेश चौहान, पंचायत समिति सदस्य रवीन्द्र खींची, भामाशाह जलवीर सिंह यादव, सेवानिवृत्त अध्यापक परस राम गुप्ता सहित सतीश चौहान, विजेंद्र, अनुबाला, अंजु, कविता, मधु, पूनम, नवलसिंह, जयसिंह, सत्यवीर सिंह, दिनेश, दीपक, मुंशीराम, विनोद, जोगेन्द्र, राजेंद्र मेहता, दीपक सोनी, कंवर सिंह आदि प्रमुख लोग उपस्थित रहे। विद्यालय परिवार एवं ग्रामीण समुदाय ने इस आयोजन को एक प्रेरणास्रोत बताया तथा भविष्य में ऐसे प्रयासों को सतत रूप से जारी रखने की बात कही।
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