
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। हम रेल, बस में यात्रा के समय अगर ध्वजा के दर्शन दूर से करके णमो जिणांणम बोलते है तो ये मंदिर में भगवान के दर्शन के समान पुण्य देते है। उक्त बात पिपलिया विमलनाथ जैन मंदिर के 53 वें ध्वजा महोत्सव में साध्वी मोक्षज्योति मसा ने कही। मसा ने कहा मंदिर में ध्वजा का बहुत महत्व है। मंदिर में विराजित भगवान की उर्जा हमें ध्वजा दर्शन से मिलती है। चारों ओर लहराती ध्वजा चारों दिशाओं में सुख-समृद्धि, शांति का संदेश देती है, जो परिवार ध्वजा चढ़ाने का लाभ लेता है, वो बेहद पुण्यशाली परिवार होता है। प्रातः 8 बजे मंदिर में स्नात्र पूजा से महोत्सव आरंभ हुआ। तत्पश्चात सत्तरभेदी पूजा का विधान हुआ। ध्वजा के लाभार्थी मिश्रीलाल कुमठ परिवार ने केसर, चंदन, पुष्प, धूप, दीप, अक्षत, नैवेध, फल, पूजा का विधान कर सकल संघ के साथ शिखर पर ध्वजा फहराई। मसा ने शांति पाठ व मांगलिक श्रवण कराई। सामूहिक स्वामिवात्सल्य का आयोजन हुआ। विधिकार अरुण आंचलिया (रेवास) थे।
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